Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है shiv chalisa lyricsl शम्भु सहाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
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त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया